नारी शक्ति

 Home रचनाकारो की सूची  रचनाएँ  काव्यशास्त्र  Other  रचना भेजे


                नारी शक्ति                


©️copyright :   anjalee chadda bhardwaj bloomkosh के की अनुमति है।इस रचना का प्रयोग    की अनुमति बिना कही नही किया जा सकता है।


शीर्षक - नारी शक्ति


विधा - कविता
शीर्षक- नारी शक्ति

पुरुष प्रधान समाज में होता आज भी स्त्री का शोषण है

भले ही हम कितना कह लें स्त्री समाज का दर्पण है

आत्मजा–भार्या, माता –प्रेयसी उसके रूप अनेक हैं

रूप भिन्न है फिर भी कोमल प्रेममय हृदय तो एक है

धरिणी जैसी सहनशीलता स्त्री के सद्चरित्र की शान है

सहनशीलता सद्गुण है उसका और मान सम्मान है

लोलुप दृष्टि,कुत्सित इरादे वह भली-भांति है पहचानती

व्यभिचारियों के निर्लज्ज आमंत्रण-मंतव्य ना स्वीकारती

दग़्ध कर सकते हो तेजाबों से उसकी बाहरी सुंदरता

इससे सिद्ध होती है केवल तुम्हारी कुंठित मानसिकता

हे पुरुष, कलुषित मत कर अब स्त्री की अस्मत को

अपराजिता है वह,ना ललकारो तुम उसकी हिम्मत को

यदि अपनी पर आगई वह तो ना चूड़ी कंगन खनकाएगी

अपने सम्मान स्वाभिमान हेतु रणचंडी बन खड़ग उठाएगी

अन्याय के विरुद्ध संघर्ष यज्ञ में आहुति हमें भी देना है

संगठित हो निर्मम अत्याचारों का पुरज़ोर विरोध करना है

–© Anjalee Chadda Bhardwaj
स्वरचित- मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित रचना





Bloomkosh 

Bloomkosh हिन्दी काव्य webpage है,इस पर बहुत से हिन्दी साहित्य रचनाकारो की रचनाएँ संकलित की गयी है।



हमसे जुड़े



अन्य रचनाएँ 




Terms & conditions     Privacy policy    About us  Contact us    Disclaimer 

No comments:

Post a Comment

क्या तेरा जाना जरुरी था

                  क्या तेरा जाना जरुरी था  बचपन तू मुझे अकेला कर गया,क्या तेरा जाना जरुरी था। यदि हाँ तो साथ ले चलता,क्या मुझे पीछे छोड़ना जर...