किस्मत

 Home रचनाकारो की सूची  रचनाएँ  काव्यशास्त्र  Other  रचना भेजे


                किस्मत                


©️copyright :  manisha saraswat ,bloomkosh के की अनुमति है।इस रचना का प्रयोग    की अनुमति बिना कही नही किया जा सकता है।


शीर्षक - किस्मत


Poem-2
                किस्मत
क्यों कोसते हो किस्मत को अपनी, 
जरा  निकलकर  देखो  तो  बाहर। 
जो  मिला  है  तुमको  बिन  मागें, 
उसके लिए तरस रहे लोग हजार।। 
तो कोसना बन्द करो किस्मत को, 
और शुकिया करो अब उस रब को। 
जिसने  बख्शा  ये   सब  तुम  को, 
कोटि-कोटि नमन करो अब उसको।। 






Bloomkosh 

Bloomkosh हिन्दी काव्य webpage है,इस पर बहुत से हिन्दी साहित्य रचनाकारो की रचनाएँ संकलित की गयी है।



हमसे जुड़े



अन्य रचनाएँ 




Terms & conditions     Privacy policy    About us  Contact us    Disclaimer 

No comments:

Post a Comment

क्या तेरा जाना जरुरी था

                  क्या तेरा जाना जरुरी था  बचपन तू मुझे अकेला कर गया,क्या तेरा जाना जरुरी था। यदि हाँ तो साथ ले चलता,क्या मुझे पीछे छोड़ना जर...