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शादी के पहले और बाद

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       शादी के पहले और बाद       


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शीर्षक -  शादी से पहले और बाद 


शादी के बाद ऐसे बदला सब कुछ रहा नहीं जो था पहले 
पर आज समझ ही गई कुछ किसी के कहने से पहले

 उठती थी जो कभी देरी से बस हाँ थोड़ा दिन से पहले
 पर आज सवेरे उठ जाती हूं सूरज निकलने से पहले 

खाना-पीना जो करती थी सब अपने मन से पहले
 पर आज कल बनाने की रखती हूं सोच कर एक दिन से पहले

 जब चाहे सखियों से मिलने निकल जाती थी पहले 
पर आज 10 बार सोचती हूँ घर से निकलने से पहले 

पहन लेती थी कुछ भी जो हाथ आ जाता था पहले
पर आज पहनती हूँ सलिके से साड़ी बाहर कदम रखने से पहले

लड़की थी जो मां पापा से कुछ समझाने पर पहले 
पर आज स्वयं समझ जाती हूं किसी के कहने से पहले 

जो सांझा करती थी अपना हर दुख दर्द मां पापा से पहले 
पर आज छुपा लेती हूं हर दुख उनसे ही सबसे पहले 

जानती हूं वह दिन लौट कर वापस नहीं आएंगे जो थे पहले 
पर आज को भी बेहतर बना सकती हूं जैसे सोचे थे पहले 



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