शादी के पहले और बाद

 Home रचनाकारो की सूची  रचनाएँ  काव्यशास्त्र  Other  रचना भेजे


       शादी के पहले और बाद       


©️copyright :   ,bloomkosh के पास संकलन की अनुमति है।इस रचना का प्रयोग    की अनुमति बिना कही नही किया जा सकता है।


शीर्षक -  शादी से पहले और बाद 


शादी के बाद ऐसे बदला सब कुछ रहा नहीं जो था पहले 
पर आज समझ ही गई कुछ किसी के कहने से पहले

 उठती थी जो कभी देरी से बस हाँ थोड़ा दिन से पहले
 पर आज सवेरे उठ जाती हूं सूरज निकलने से पहले 

खाना-पीना जो करती थी सब अपने मन से पहले
 पर आज कल बनाने की रखती हूं सोच कर एक दिन से पहले

 जब चाहे सखियों से मिलने निकल जाती थी पहले 
पर आज 10 बार सोचती हूँ घर से निकलने से पहले 

पहन लेती थी कुछ भी जो हाथ आ जाता था पहले
पर आज पहनती हूँ सलिके से साड़ी बाहर कदम रखने से पहले

लड़की थी जो मां पापा से कुछ समझाने पर पहले 
पर आज स्वयं समझ जाती हूं किसी के कहने से पहले 

जो सांझा करती थी अपना हर दुख दर्द मां पापा से पहले 
पर आज छुपा लेती हूं हर दुख उनसे ही सबसे पहले 

जानती हूं वह दिन लौट कर वापस नहीं आएंगे जो थे पहले 
पर आज को भी बेहतर बना सकती हूं जैसे सोचे थे पहले 



Bloomkosh 

Bloomkosh हिन्दी काव्य webpage है,इस पर बहुत से हिन्दी साहित्य रचनाकारो की रचनाएँ संकलित की गयी है।



हमसे जुड़े



अन्य रचनाएँ 




Terms & conditions     Privacy policy    About us  Contact us    Disclaimer 

No comments:

Post a Comment

क्या तेरा जाना जरुरी था

                  क्या तेरा जाना जरुरी था  बचपन तू मुझे अकेला कर गया,क्या तेरा जाना जरुरी था। यदि हाँ तो साथ ले चलता,क्या मुझे पीछे छोड़ना जर...