एक सवाल

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               एक सवाल                


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शीर्षक - एक सवाल


एक सवाल है समाज के ठेकेदारों से, क्यों हर बार हर्जाना नारी को भरना पड़ता है?
क्यों पुरूष प्रधान समाज में, सागर तो हमेशा रुक जाते हैं, नदियों को ही बहना पड़ता है।

लक्ष्मी ,अवंती ,दुर्गा ये सब वो नारी थी ,जिनके आगे पुरुषों की समाज भी हारी थी
फिर भी क्यों हर युगों में , जीवन की अग्निपरीक्षा से औरत को ही गुजरना पड़ता है ? 
सागर तो रुक ...... 

क्यों बेटो को बेटी से बढ़कर माना जाता है? क्यों गर्भ में कन्या भ्रूण को ही मरना पड़ता है?
क्यों उच्च शिक्षा हमेशा बेटों को दिलाई जाती है? क्यों बेटी को ही अनपढ़ रहना पड़ता है?
सागर तो रुक....... 

क्यों बहु ही हमेशा जिंदा जलाई जाती हैं? क्यों औरत की ही बोली लगाई जाती है?
क्यों परदे में औरत को घुटकर रहना पड़ता है। क्यों हर दर्द चुप होकर सहना पड़ता है?
सागर तो रुक........ 

क्यों हर रूढ़िवादिता, औरत पर लागू होती है, क्यों नारी ही हमेशा चिता पर जिंदा सोती है।
क्यों हर युग में सीता का ही हरण होता है,क्यों हर युग में नारी को जौहर करना पड़ता है?
सागर तो रुक........ 
एक सवाल............ 
-priya pandya




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